सबसे अच्छा सोलर पैनल - [Best Solar Panel in Hindi]
बिजली ना ही सिर्फ महंगी होती जा रही है बल्कि इसे पैदा करते वक़्त पर्यावरण को भी बहुत नुक्सान होता है।
एक अच्छा नागरिक होने के नाते हमें पता होना चाहिए कि सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है ताकि हम उसे घर पर लगवाएं। ऐसा करने से हम अपने लिए बिजली का बिल बचाएंगे और पर्यावरण के बचाव में भी योगदान देंगे।
आइए इस आर्टिकल की मदद से सोलर पैनल के बारे में एक-एक चीज़ जान लें ताकि हम अपने घर के लिए बेस्ट सोलर पैनल का चुनाव कर पाएं।
Table of Contents
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- 1.सबसे अच्छा सोलर पैनल लिस्ट [Best Solar Panel Brands in Hindi]
- 2.सोलर पैनल क्या होते हैं? [What are solar panels?]
- 3.सोलर पैनल के प्रकार [Types of Solar Panel]
- 4.सोलर पैनल काम कैसे करता है? [How does Solar Panel work?]
- सोलर पैनल खरीदने से पहले किन बातों का रखें ख्याल [Things To Keep In Mind Before Buying Solar Panel]
- 1. लुमिनस पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Luminous 100W/12V Poly Panel]
- 2. माइक्रोटेक पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Microtek 150W/12V Polycrystalline Panel]
- 3. लूम मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Loom solar 125W/12V Mono Panel]
- 4. सु-काम पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Su-Kam 100 Watt – 12 Volt Poly Solar Panel]
- 5. सोलोडायिन पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Solodine 100 Watt – 12 Volt Poly Panel]
- 6. ऊर्जा सोलर मॉड्यूल [Urja Solar Module 40W]
- 7. यू टी एल सोलर पैनल [UTL Solar Panel 150W]
- 5.सोलर पैनल सिस्टम क्या है? [What is a Solar Panel System?]
- 6.कुसुम योजना क्या है? [What is KUSUM Yojana?]
- 7.निष्कर्ष [Conclusion]
सबसे अच्छा सोलर पैनल लिस्ट [Best Solar Panel Brands in Hindi]
सोलर पैनल का नाम | सोलर पैनल का आकार | ओपन सर्किट वोल्टेज | करंट का उत्पादन | परफॉरमेंस की वारंटी | सोलर पैनल का प्रकार | सोलर पैनल का रेट |
Luminous 100W/12V Poly Panel | 1035 x 670 x 34 in mm | 22 V | 5.56 amps | 25 years | Polycrystalline | 4,289 |
Microtek 150W/12V Polycrystalline Panel | 1495 x 665 x 35 in mm. | 22.47 V | 8.47 amps | 25-year | Polycrystalline | 6,399 |
Loom solar 125W/12V Mono Panel | 1020 x 665 x 35 (in mm) | 20.4 V | 6.13 amps | 25 Years | Monocrystalline | 15,499 |
Su-Kam 100 Watt – 12 Volt Poly Solar Panel | 66.6 x 3.5 x 100.6 (in cm) | 23.8 V | 20.4 V | 25 years | Polycrystalline | 4,950 |
Solodine 100 Watt – 12 Volt Poly Panel | 66.6 x 3.5 100.6 (in cm) | 20.4 V | 5.1 Amp | - | Polycrystalline | 8,900 |
Urja Solar Module 40W | 465 x 670 x 25 mm | 22.2 V | 2.37 A | - | Polycrystalline | 1,899 |
UTL Solar Panel 150 W | 200 x 100 x 7.5 cm | 12 V | 7.15 - 9.55 A | 25 years | Polycrystalline | 3,000 |
सोलर पैनल क्या होते हैं? [What are solar panels?]
सोलर पैनल पूरे सोलर पैनल सिस्टम का सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है। इस पर लगे हुए पीवी सेल्स (PV cells) बिजली बनाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। जब सूरज की किरणें इन पेनल्स पर पड़ती हैं तब वह किरणों को बिजली में तब्दील कर देती है।
इस टेबल में दिए गए सभी बेस्ट सोलर पैनल सप्लायर्स के बारे में अधिक जानकारी आपको नीचे दी गई है। एक-एक सोलर पैनल के बारे में अच्छे से पढ़कर ही अपने घर के लिए सोलर पैनल सिस्टम को चुनिए।
सोलर पैनल के प्रकार [Types of Solar Panel]
सोलर पैनल के कुल दो प्रकार होते हैं जिसमें प्रकार पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline] और मोनोक्रिस्टलाइन [Monocrystalline] आता है। आइए नीचे विस्तार से देखते हैं कि इन दोनों टाइप में क्या अंतर है:
पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline]
जब शुरुआत में सोलर पैनल बनना चालू हुए थे, तब सबसे पहले पॉलीक्रिस्टलाइन की तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। यह सोलर पैनल बनाने की पुरानी तकनीक है जिसमें अलग-अलग क्रिस्टल का इस्तेमाल किया जाता है। यह क्रिस्टल अलग माप और आकार के होते हैं जिनको सूरज की किरणों को अब्सॉर्ब करने के लिए अलग-अलग एंगल पर लगाया जाता है।
हालांकि यह मार्केट में मिलने वाले बाकी के सोलर पैनल के मुताबिक सस्ते होते हैं पर उनकी कुछ कमियां भी हैं। सबसे पहले तो यह पैनल कम सूरज की रोशनी में कामयाब नहीं हैं तो बादल और बारिश के मौसम में आप इस पर भरोसा नहीं कर सकते। दूसरा इस पैनल पर धूल बहुत आसानी से चिपक जाती है जो उनके बिजली बनाने की क्षमता को कम करती है। इसलिए आप इन्हें व्यावसायिक (commercial) तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकते पर घरेलू बिजली के ज़रूरत के लिए यह सही रहेगा। अगर आप सोलर सिस्टम घर के लिये देख रहे हैं तो यह आपके लिए एकदम सही रहेगा।
मोनोक्रिस्टलाइन [Monocrystalline]
जब पॉलीक्रिस्टलाइन की कमियां आड़े आने लगीं तब मार्किट में एक बेहतर सोलर पैनल की ज़रुरत महसूस होने लगी। बड़ी मेहनत के बाद सोलर पैनल का advanced version बनाया गया जिसे नाम दिया गया मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल। इन पैनल में सिलिकॉन की मदद से एक सिंगल क्रिस्टल बनाया जाता है जो कम से कम सूरज की रौशनी से भी बिजली बनाने में सफल रहता है।
हालांकि यह पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के मुकाबले महंगे होते हैं पर मोनोक्रिस्टलाइन आपकी व्यावसायिक ज़रूरतों को पूरा करने में कामयाब रहेगा। एक कंपनी को जितने बड़े सिरे पर बिजली की ज़रुरत होती है, उतनी ज़रुरत को पूरा करने के लीये मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल ही सबसे बढ़िया रहेंगे।
पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline] बनाम (versus) मोनोक्रिस्टलाइन [Monocrystalline]
पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline] | मोनोक्रिस्टलाइन [Monocrystalline] |
पुरानी तकनीक | नई तकनीक |
अलग-अलग क्रिस्टल का इस्तेमाल | सिलिकॉन की मदद से एक सिंगल क्रिस्टल बनाया जाता है |
सबसे सस्ता सोलर पैनल | महंगे होते हैं |
कम सूरज की रोशनी में कामयाब नहीं हैं | कम सूरज की रौशनी से भी बिजली बनाने में सफल हैं |
घरेलू बिजली के ज़रूरत के लिए सही रहेगा | व्यावसायिक ज़रूरतों को पूरा करने में कामयाब रहेगा |
सोलर पैनल काम कैसे करता है? [How does Solar Panel work?]
सोलर पैनल की Solar Photovoltaic (PV) technology, सेमीकंडक्टर की मदद से सूरज की किरणों को बिजली में बदलने का काम करती है। जब सूरज की किरणें सेमीकंडक्टर पर पड़ती है, तब इन किरणों में मौजूद इलेक्ट्रान एक दूसरे से अलग होकर भागने लगते हैं। जब ऐसा होता है तब बस बार उन भागते हुए इलेक्ट्रॉन को इकट्ठा करता है जो बिजली के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं।
सोलर एनर्जी कहाँ जमा की जाती है? [Where is solar energy stored?]
सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रोकेमिकल बैटरी में स्टोर या जमा किया जाता है। जब सोलर एनर्जी इस बैटरी में पंप की जाती है तब बैटरी में एक केमिकल रिएक्शन होता है जो इस एनर्जी को बिजली के रूप में जमा करके रखती है।
सोलर पैनल खरीदने से पहले किन बातों का रखें ख्याल [Things To Keep In Mind Before Buying Solar Panel]
मार्किट के दो तरह के सोलर पैनल हैं और वहीं दो तरह के सोलर पैनल सिस्टम के प्रकार होते हैं। आपको इन सब के बारे में पता होना चाहिए ताकि आप अपनी ज़रुरत का सही अनुमान लगाकर अपने सोलर पैनल सिस्टम का चयन कर सकें।
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सबसे पहले आपको अपना लोड मापना चाहिए जिससे आपकी ज़रूरत तय हो जाएगी। फिर आप इस ज़रुरत के अनुसार बाकि के निर्णय ले पाएंगे।
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उसके बाद आपको पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline] और मोनोक्रिस्टलाइन [Monocrystalline] सोलर पैनल के बारे में जानना होगा और यह तय करना होगा कि आपकी ज़रुरत के लिए कौन-सा सही रहेगा।
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अब अंत में आपको ऑफ ग्रिड और ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम के बारे में जानना होगा और इसमें भी अपनी ज़रुरत को ध्यान में रखते हुए इन में से एक को चुनना होगा।
1. लुमिनस पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Luminous 100W/12V Poly Panel]
लुमिनस के पॉली सोलर पैनल एल्युमीनियम के बने हुए होने के कारण बेहद हलके वजन के होते हैं। उनकी अच्छी मजबूती उन्हें बर्फ का लोड लेने और हवा के खिलाफ खड़े रहने के लिए परिपूर्ण बनाती है। साथ ही इन पर एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग की जाती है जिसकी वजह से इनमें सूरज की किरणें बेहतर अब्सॉर्ब हो पाती हैं।
Rs. 4289
2. माइक्रोटेक पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Microtek 150W/12V Polycrystalline Panel]
माइक्रोटेक के पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल कुल 20 इन-हाउस क्वालिटी टेस्ट से गुज़र कर आपके लिए मार्किट में उतरता है। इन पेनल्स को हैवी ड्यूटी एल्यूमीनियम फ्रेम की मदद से बनाया जाता है ताकि उन्हें सम्पूर्ण मजबूती मिल सके। साथ ही इसमें पहले से छेद किए गए होते हैं जिसकी मदद से आप उन्हें जल्दी से इंस्टॉल कर पाते हैं।
Rs. 6,399
3. लूम मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Loom solar 125W/12V Mono Panel]
लूम के मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल ए ग्रेड मोनो पर्क सेल (A Grade Mono Perc Cell) की मदद से बनाए जाते हैं जिसके कारण यह कम सूरज की रोशनी में भी बिजली बनाने में सफलता हासिल कर लेता है। इसके एल्युमिनियम के फ्रेम इतनी आसानी से ज़ंग नहीं पकड़ते जिसके कारण यह लम्बा टिकते हैं। साथ ही साथ इनके टफ गिलास के कारण यह इतनी आसानी से टूटते भी नहीं हैं।
Rs. 15,499
4. सु-काम पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Su-Kam 100 Watt – 12 Volt Poly Solar Panel]
सु-काम पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल भारत का सबसे बेहतरीन सोलर पैनल का ब्रांड माना जाता है क्योंकि यह ब्रांड रीसायकल हो जाने वाले सोलर पैनल बनाता है। इसके साथ-साथ इस ब्रांड के सोलर पैनल सबसे ज़्यादा फ्लेक्सिबल सोलर पैनल माने जाते हैं।
Rs. 4,950
5. सोलोडायिन पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल [Solodine 100 Watt – 12 Volt Poly Panel]
सोलोडायिन के सोलर पैनल आपको अलग-अलग वाट की रेंज में मिल जाएंगे जिसमें 75 वाट, 100 वाट, 150 वाट, और 200 वाट आ जाता है। इसका वजन 8 किलो होता है जिसके बारे में आपको इन्हें खरीदने से पहले पता होना चाहिए।
Rs. 8,900
6. ऊर्जा सोलर मॉड्यूल [Urja Solar Module 40W]
ऊर्जा सोलर मॉड्यूल में आपको एक बड़ी रेंज में पैनल खरीदने की छूट मिल जाती है जिसमें आप ग्राउंड माउंट, फ्लैट रूफ, या बाकि के अन्य प्रकार की रूफ के लिए पैनल खरीद सकते हैं। यह पैनल आपको व्यक्तिगत के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने की सुविधा देते हैं। इसके मजबूत गिलास मौसम की मार में भी कमज़ोर नहीं पड़ता है और साथ ही इसका वजन भी बस 4 किलो ही है। इस ब्रांड की सबसे बेहतरीन बात यह है कि इसे भारत सरकार द्वारा अप्प्रूव भी किया गया है।
Rs. 1,899
7. यू टी एल सोलर पैनल [UTL Solar Panel 150W]
यू टी एल के सोलर पैनल एंटी रिफ्लेक्टिव कोटिंग के साथ मार्केट में उतरते हैं जिसकी मदद से यह पैनल कम सूरज की रोशनी में भी बिजली बनाने में सक्षम रहते हैं। साथ ही इसमें ए+ ग्रेड (A+ Grade) के सिलिकॉन सेल का इस्तेमाल होता है जो उन्हें और बेहतर बनाता है। इसके साथ-साथ आपको यह पैनल एलुमिनियम फ्रेम में मिलते हैं जो उन्हें हल्का और मजबूत, दोनों बनाता है।
Rs. 3,000
सोलर पैनल सिस्टम क्या है? [What is a Solar Panel System?]
सोलर पैनल सिस्टम ढेर सारे सोलर पैनल की मदद से बनाया जाता है जो कि सूरज की किरणों की मदद से बिजली बनाता है। इसको इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी तरह के ईंधन जैसे पेट्रोल या डीजल की ज़रुरत नहीं है। यह सूरज की रौशनी की मदद से काम करके बिजली पैदा करता है जिसके चलते ना ही वायु प्रदूषण होता है और ना ही ध्वनि प्रदूषण।
सोलर पैनल सिस्टम के फायदे [Benefits of Solar Panel System]
सोलर पैनल सिस्टम को लगाने के ढेर सारे फायदे हैं जिनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कारणों को नीचे लिखा गया है:
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एक ही बार पैसे लगने के कारण इसका खर्च बिजली से कम आता है।
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आम बिजली के जैसे उसकी बिजली जाने का कोई डर नहीं है।
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यह पर्यावरण को बचाने में योगदान देता है और इस से वायु या ध्वनि प्रदूषण नहीं होता।
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यह बिजली बनाने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है।
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मासिक बिजली के बिल से छुटकारा मिलता है।
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यह बेहद लम्बा चलता है।
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इसकी मेंटेनेंस कोई भारी काम नहीं है।
सोलर पैनल सिस्टम के पार्ट्स [Components of a Solar Panel System]
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सोलर पैनल [Solar panel]
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इन्वर्टर [Inverter]
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सोलर पैनल को कसने के लिए ढांचा
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बैटरी [Battery]
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तारें [Wires]
चूँकि सोलर पैनल अलग-अलग किलोवाट के हिसाब से आते हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि आपको प्लांट लगाने के लिए कितनी जगह चाहिए होगी।
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1 किलोवाट सोलर पैनल सिस्टम 10 वर्ग मीटर की जगह में लगाया जा सकता है।
सोलर पैनल सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं? [What Are The Types Of Solar Panel Systems?]
ऑफ ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम [Off Grid Solar Panel System] | ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम [On Grid Solar Panel System] |
सोलर पैनल, इन्वर्टर, और बैटरी का इस्तेमाल | सोलर पैनल और इन्वर्टर का इस्तेमाल |
बैटरी बैकअप रहता है | बिजली का बैकअप नहीं रहता पर बेच सकते हैं |
दिन में चार्ज होता है और रात में इस्तेमाल कर सकते हैं | सूरज के समय में ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे |
मेन सप्लाई कम देर के लिए रहती है | मेन सप्लाई के बंद होने पर बिजली भी बंद हो जाती है |
बिजली का कनेक्शन न होने पर इस्तेमाल होता है | बिजली बचाने के लिए प्रयोग में लिया जाता है |
अगर बिजली ज़्यादा देर के लिए गुल रहती है तो लगवाना चाहिए | बिजली कम जाती है तब ही लगवाना चाहिए |
हाइब्रिड सोलर सिस्टम क्या है? [What is a Hybrid Solar System?]
हाइब्रिड सोलर पैनल सिस्टम, off grid और on grid सोलर पैनल सिस्टम, दोनों का कॉम्बिनेशन होता है। यह सिस्टम लगाने के बाद आप सोलर से बनी बिजली का उपयोग हर समय कर पाएंगे और बची हुई बिजली को बैटरी में स्टोर भी कर पाएंगे।
आसान शब्दों में कहा जाए तो यह ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम है जिसमें बैटरी बैकअप का प्रावधान भी किया गया है। देखा जाए तो यह सबसे बढ़िया सोलर पैनल सिस्टम है जिसकी मदद से आप सोलर एनर्जी का सम्पूर्ण इस्तेमाल कर पाएंगे। सूरज के समय डायरेक्ट बिजली मिलेगी और रात के समय बैटरी बैकअप की मदद से बिजली का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
कुसुम योजना क्या है? [What is KUSUM Yojana?]
KUSUM योजना की full form: Kisan Urja Suraksha evam Uhaan Mahaabhiyan है। यह भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक मोहीम है जिसके तहत वह किसानों को अपने खेतों में Solar Irrigation Pumps (SIPs) लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इन पंप के साथ-साथ सोलर एनर्जी पर चलने वाले ट्यूबवेल लगाने के पूरे खर्च पर सरकार, किसानों को 60% की सब्सिडी दे रही है।
निष्कर्ष [Conclusion]
उम्मीद है आपको सोलर पैनल और सोलर पैनल सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसके साथ-साथ आपको भारत के टॉप सोलर पैनल ब्रांड्स के बारे में भी पता चल गया होगा। और अब तक तो आपने अपने लिए सोलर पैनल सिस्टम से जुड़े सभी निर्णय ले लिए होंगे।
अगर आपके पास इस टॉपिक से जुड़ा कोई विचार या सुझाव है तो आप नीचे comment section में जाकर मुझसे और बाकि के readers से शेयर कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
Q1. 1 किलोवाट सोलर पैनल में क्या क्या चल सकता है?
A1. आप 1 किलोवाट के सोलर पैनल सिस्टम की मदद से 800 वाट का लोड चला सकते हैं। इस लोड में एक टीवी, फ्रिज, एलईडी, और उसके साथ-साथ और भी बहुत कुछ चल सकता है। सोलर पैनल सिस्टम के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए आप मेरा यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
Q2. सबसे सस्ता सोलर पैनल कौन सा है?
A2. सबसे सस्ता सोलर पैनल पॉलीक्रिस्टलाइन [Polycrystalline] होता है। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए आप इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ सकते हैं।
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