Postal Code Kya Hota He: पोस्टल कोड क्या होता है और इसका महत्व

author Ankita Content Writer

क्या आप जानते हैं की कही भी पार्सल भेजने के लिए सबसे जरुरी क्या होता है? उस क्षेत्र का पोस्टल कोड। अगर आपको पोस्टल कोड के बारे में पूरी जानकारी नहीं है तो कोई बात नहीं क्योंकि आज इस आर्टिकल में मैं आपको बताउंगी की Postal Code Kya Hota He

पहले के ज़माने में लोग खत के जरिये अपनी भावनाओ को एक दूसरे के पास पहुंचते थे जिसे सही जगह पर पहुंचने के लिए पोस्टल कोड की जरुरत पड़ती थी। लेकिन आज के दौर में मोबाइल पर चंद सेकंड के लिए हाथ फेरने से ही आप अपने दोस्तों और परिजनों से बात कर सकते हैं। 

हालाँकि अब पार्सल मंगवाने या सामान सही जगह पर कूरियर करने के लिए पोस्टल कोड और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो चूका है। पोस्टल कोड को PIN Code के नाम से भी जाना जाता है जिसका Full Form होता है Postal Index Number.

साथ ही अगर आप यह जानना चाहते हैं की Referral Code Kya Hota Hai, तो हमारे इस खाश आर्टिकल को जरूर पढ़े।

Postal Code Kya Hota He

Postal Code Kya Hota He?

पोस्टल कोड को पिन कोड (पोस्टल इंडेक्स नंबर) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ६ संको से बना एक कोड होता है जिसे इंडिया पोस्ट ने १९७२ में लागु किया था। पोस्टल कोड के जरिये आप एक कुरियर को उसके सही पते पर डिलीवर कर सकते हैं। इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे ZIP Code (US), PIN Code (India), या Postal Code (Canada, Europe, Etc.)। प्रत्येक देश अपने तरीके से पोस्टल कोड का प्रणाली अपनाता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य समान होता है - किसी भी पैकेट या पार्सल को आसानी से उसके पते पर पहुँचाना। भारत जैसे विशाल देश में कई सारे गांव, कस्बे और शहर हैं जिसके कारन भारतीय डाक सेवा के लिए सही स्थान ढूंढना मुश्किल हो सकता है। इसलिए पार्सल या पत्र पहुंचाने की प्रक्रिया को और अधिक आसान हुए सटीक बनाने के लिए, इंडिया पोस्ट ने 6 अंकों का पिन कोड नंबर का निर्माण करा है।

पोस्टल कोड कैसे काम करता है?

भारतीय डाक सेवा में सम्पूर्ण भारत देश को नौ अलग अलग पिन क्षेत्र में बांटा गया है। इनमें से आठ भौगोलिक क्षेत्र हैं वहीं नौवां क्षेत्र भारतीय सेना के लिए आरक्षित किया गया है। पिन कोड में शामिल हर एक नंबर अपना अलग महत्व है। इसका पहला अंक क्षेत्र, दूसरा अंक उपक्षेत्र, तीसरा अंक क्षेत्र के अंदर का जिला, और अंतिम तीन अंक जिले के अंदर के खास डाकघर को सम्बोधित करते हैं।

उदाहरण के लिए, पोस्टल कोड 110001 को देखें:

  • 1: उत्तरी क्षेत्र

  • 10: दिल्ली उपक्षेत्र

  • 001: मुख्य पोस्ट ऑफिस

पोस्टल कोड का पहला अंक इन भारत के इन राज्यों को दर्शाता है:-

  • 1- चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली

  • 2- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश

  • 3- दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गुजरात, राजस्थान

  • 4- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र

  • 5- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना

  • 6- लक्षद्वीप, पुडुचेरी, केरल, तमिलनाडु

  • 7- सिक्किम, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल

  • 8- बिहार और झारखंड

  • 9- फील्ड पोस्ट ऑफिस (एफपीओ), आर्मी पोस्ट ऑफिस (एपीओ)

पोस्टल कोड का क्या महत्व है? 

पोस्टल कोड एक ऐसा कोड होता है जो विभिन्न स्थानों को व्यवस्थित रूप से पहचानने में मदद करता है। यह एक पते का हिस्सा होता है जो डाकिया द्वारा उसके पहुंचने के लिए उपयोग किया जाता है। पोस्टल कोड के कुछ ऐसे महत्व है जिसका जानना हमारे लिए बहुत जरुरी है।

  1. स्थानीयकरण: पोस्टल कोड स्थानीय विभाजन का साधन होता है, जो बड़े शहरों या क्षेत्रों को छोटे क्षेत्रों में विभाजित करने में मदद करता है। इससे पता लगाना और पता बताना आसान होता है।

  2. डाकिया सेवाओं के लिए आवश्यक: पोस्टल कोड डाकिया द्वारा संदेशों और डाक के वस्त्रों के सही वितरण में मदद करता है। यह डाकिया को बड़े विशालकार क्षेत्रों में सही पते तक पहुंचाने में मदद करता है।

  3. व्यवसायिक उपयोग: व्यवसायों और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए पोस्टल कोड सही वितरण और ग्राहकों तक उत्पाद पहुंचाने में महत्वपूर्ण है।

  4. आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाओं में उपयोग: पोस्टल कोड संसाधन के वितरण, सरकारी सेवाओं और नगरीय योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  5. अनुसंधान और डेटा कलेक्शन: वैज्ञानिक और अनुसंधान संगठनों के लिए, पोस्टल कोड भूमिका निभाता है जो सामाजिक, आर्थिक और भौतिक डेटा को विभिन्न क्षेत्रों में विश्लेषण करने में मदद करता है।

पोस्टल कोड के बिना क्या समस्याएं हो सकती हैं?

पोस्टल कोड के बिना, पत्र और पार्सल का सही समय पर और सही पते पर पहुंचना मुश्किल हो सकता है। इससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

पोस्टल कोड का सही उपयोग न होने पर सबसे बड़ी समस्या पत्र और पार्सल का खो जाना हो सकती है। जब किसी पार्सल या पत्र पर सही पोस्टल कोड नहीं लिखा होता, तो डाक विभाग उसे सही पते पर नहीं पहुंचा पाता। इसके परिणामस्वरूप, आपका महत्वपूर्ण पत्र या पार्सल गलत जगह पर पहुंच सकता है या पूरी तरह से खो सकता है। यह स्थिति खासतौर पर तब गंभीर हो जाती है जब भेजी गई वस्तुएं महत्वपूर्ण दस्तावेज़ या कीमती सामान होते हैं।

सही पोस्टल कोड न होने पर पत्र और पार्सल का वितरण देरी से हो सकता है। डाक विभाग को बिना पोस्टल कोड के पते का पता लगाने में अधिक समय लगता है। इससे पार्सल या पत्र को सही स्थान पर पहुंचाने में अधिक समय लग सकता है। यदि कोई महत्वपूर्ण पत्र या पार्सल समय पर नहीं पहुंचता, तो इससे महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आ सकती है, जैसे कि बैंकिंग दस्तावेज, सरकारी नोटिस, या व्यक्तिगत निमंत्रण।

पोस्टल कोड गलत होने की स्थिति में, पत्र और पार्सल का गलत पते पर पहुंचना भी एक आम समस्या है। यदि डाक विभाग ने गलत पते को सही समझकर पार्सल या पत्र को वहां भेज दिया, तो प्राप्तकर्ता को वह वस्तु नहीं मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। गलत पते पर वितरण के कारण आपके महत्वपूर्ण दस्तावेज़ या सामान गलत व्यक्ति के हाथ में जा सकते हैं, जिससे गोपनीयता का उल्लंघन भी हो सकता है।

निष्कर्ष

भारत एक ऐसा विशाल देश है जहां इतने सारे गांव, कस्बे और शहर हैं कि भारतीय डाक सेवा के लिए सही व्यक्ति या स्थान ढूंढना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए पार्सल या पत्र पहुंचाने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, इंडिया पोस्ट ने छह अंकों का पिन कोड नंबर पेश किया है। भारतीय डाक सेवा पूरे भारत में नौ विशेष पिन क्षेत्र लेकर आई है, जिनमें से आठ भौगोलिक क्षेत्र हैं और नौवां क्षेत्र भारतीय सेना के लिए आरक्षित है। आशा करती हूँ की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको Postal Code Kya Hota He के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गयी होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: भारत में सबसे पहला पोस्टल कोड कब और कहां लागू किया गया था?

उत्तर: भारत में पहला पोस्टल कोड 1972 में लागू किया गया था।

प्रश्न 2: क्या पोस्टल कोड केवल भारत में ही होता है?

उत्तर: नहीं, पोस्टल कोड विभिन्न देशों में अलग-अलग नामों और प्रारूपों में होता है, जैसे कि अमेरिका में ज़िप कोड।

प्रश्न 3: मैं अपना पोस्टल कोड कैसे पता कर सकता हूं?

उत्तर: आप India Post की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या स्थानीय पोस्ट ऑफिस से संपर्क करके अपना पोस्टल कोड पता कर सकते हैं।

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